देश। हिंदुस्तान में फ़कीर समाज को संगठित करने को लेकर सभी स्थानीय और राष्ट्रीय तंजीमें अपनी-अपनी रणनीति बनाने में जुटी हुई हैं. देश के कोने कोने में चल रही फ़कीर समाज की तंजीमें खुद को बड़ा साबित करने के लिए दावा किया जा रहा है. फकीरों की आबादी सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में हैं. ऐसे में राज्य का महत्व बढ़ जाता है. मजबूत संगठन सर्वे में पहले यूपी की फ़कीर समाज जनता का मन टटोलने की कोशिश की गई है. जिसमें सी वोलेंटियर ने शाह टाइम्स न्यूज़ के लिए फ़कीर समाज को लेकर भारत का पहला ओपिनियन सर्वे किया है. यह ओपिनियन सर्वे बेहद हैरान करने वाले रहे हैं. आपको बताते हैं कि हिंदुस्तान में फ़कीर समाज को संगठित करने को लेकर सभी स्थानीय और राष्ट्रीय तंजीमों के इस सबसे बड़े ओपनियन सर्वे में शाह अलवी एसोसिएशन, जमाते अल्विया हिन्द, मुगल राष्ट्रीय शाह समाज फाउंडेशन और शाह समाज महासभा को कितने वोलेंटियर शेयर और कितनी पॉपुलरटी मिलने की संभावना है. ओपनियन सर्वे के अनुसार, यूपी में सभी स्थानीय और राष्ट्रीय तंजीमों को महज़ 10 प्रतिशत वोलेंटियर शेयर मिल रहा है. जबकि इरफ़ान रहम अली खान की शाह अलवी एसोसिएशन के हिस्से में 5 प्रतिशत वोलेंटियर शेयर जाता नजर आ रहा है. और जमाते अल्विया हिन्द, मुगल राष्ट्रीय शाह समाज फाउंडेशन और देश की अन्य राज्यों की स्थानीय तंजीमों को महज 2-4 वोलेंटियर शेयर मिलने की संभावना है. वहीं विहार राजस्थान गुजरात मध्य प्रदेश की स्थानीय तंजीमों को 0-2 वोलेंटियर शेयर मिल सकती हैं. सर्वे में सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय राष्ट्रवादी तंजीम राष्ट्रीय शाह समाज फाउंडेशन इंडिया को 80-89 वोलेंटियर शेयर मिलने की संभावना है. हैरान करने वाले तथ्य सामने आये है कि पॉपुलरटी में यह तंजीम देश की प्रमुख सामाजिक संगठनों को भी मात दे सकती है। संगठन संचालिका प्रमुख राष्ट्रीय शाह समाज फाउंडेशन इंडिया, चांदनी शाहबानो की राष्ट्रवादी और सर्वधर्म समभाव की विचारधारा लोकप्रियता में चार चांद लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। नोट: शाह टाइम्स न्यूज़ के लिए फ़कीर समाज की विभिन्न उपनाम वाले जैसे शाह सांई अलवी दीवान मदार दरवेश छप्परबन्द कलन्दर चिश्ती क़ादरी शोहवर्दी साबरी वारसी जोगी आदि सी-वोलेंटियर ने 2024 का पहला ओपिनियन सर्वे किया है. सर्वे देश में 28 राज्य और 8 संघ राज्य क्षेत्र से 13 हजार 115 लोगों से बात की गई है. सर्वे 15 दिसंबर से 21 दिसंबर के बीच किया गया है. इसमें मार्जिन ऑफ एरर प्लस माइनस 3 से प्लस माइनस 5 फीसदी है. सर्वे के नतीजे पूरी तरह से लोगों से की गई बातचीत और उनके द्वारा व्यक्त की गई राय पर आधारित हैं. इसके लिए शाह टाइम्स न्यूज़ ज़िम्मेदार नहीं है.
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