राष्ट्रीय शाह समाज फाउंडेशन इंडिया-ट्रस्ट
रास्ट्रीय शाह समाज फाउंडेशन इंडिया ट्रस्ट पर आपका स्वागत है,
यह न्यासपत्र / स्मृति पत्र दिनांक 16.04.2021 को स्थान लखनऊ में द्वारा श्रीमती चांदनी बनो पत्नि ताहिर मो0 उर्फ़ मोहम्मद ताहिर शाह (साई बाबा ), निवासिनी -भवन संख्या -21 ,निकट विकल्प खण्ड ,गोमती नगर ,चिनहट ,लखनऊ ,ऊ0 प्र0 भारत (आधार नंबर, 5996-8176-4782 मो0न0 7307463733 , व्यवसाये -समाज सेविका ) की संस्थापक है जो कि ट्रस्ट के संस्थापक /अध्यक्ष /
न्यासकर्ता /व्यवस्थापक ट्रस्टी के नाम से जाने जायेंगे।
हमारी यह हार्दिक अभिलाषा है कि मानव समाज में स्थाई सुख शांति संगठन सदभाव,
विश्वास गुणों की स्थापना हेतु एक न्यास की स्थापना की जाए तथा उपयुक्त उद्देश्यों की पूर्ति के लिए आवश्यक समस्त साधनो का संग्रह किया जाए तथा जो की निष्पादनकर्ता आजीवन संस्थापक ट्रस्टी के रूप में कार्यत रहेंगे।
न्याय के हित में न्यास का संस्थापक /अध्यक्ष समाज के चुंनिन्दा व्यक्तियों को नियुक्त कर सकता है , जो न्यास के आजीवन सदस्य कहलायेंगे ,यह न्यास के आजीवन सदस्य जीवन पर्यन्त बने रहेंगे ,यह न्यासी विधिक रूप से या अन्य कारण से अछम होने पर न्यास से सेवानिवत्त हो सकते है ,न्यास के आजीवन सदस्यो को न्यास की वार्षिक आम सभा में उपस्थित होने ,भाग लेने व मतदान देने का अधिकार रहेगा तथा न्यास के संचानल में उनका सहयोग रहेगा
अतएवं इस न्यास विलेख के निष्पादन के समय निन्मलिखीत व्यक्ति न्यास के आजीवन सदस्य रहेंगे.
मूल संस्थापक /अध्यक्ष न्यास के हित में प्रबुद्ध व्यक्तियों को न्यास में रख सकता है, प्रबुद्ध न्यासी वही व्यक्ति हो सकता है जो अपने क्षेत्र में ख्याति प्राप्त है अथवा न्यास के हित में तथा राष्ट्र के हित में अपना बहुमूल्य योगदान कर सकते है न्यास इनके सुझाव को यदि उचित समझता है तो उन्हें स्वीकार कर सकता है अतएव प्रस्तुत ट्रस्ट विलेख निष्पादन के समय निम्न प्रबुद्ध व्यक्तियों को सदस्य के रूप में निर्धारित किया जा रहा हैं
उपयुक्त समस्त न्यासी न्यास के उददेश्यो की पूर्ति के लिए संस्थापक /अध्यक्ष न्यासकर्ता के साथ मिलकर कार्य करना स्वीकार करते हैं
राष्ट्रीय शाह समाज फाउंडेशन इंडिया-ट्रस्ट
न्यास का लक्ष्य एवं उद्देश्य, पूर्ण रूप से प्राणी मात्र के सर्वांगीण विकास एंव बौद्धिक विकास तथा समृद्धि के लिए होगा। और न्यास की आय से देश-विदेश मे किसी प्रकार की अन्य शैक्षिक एवं अन्य संस्थाओं की स्थापना एवं उनका प्रशिक्षण करने में बिना किसी पक्ष-पात के सर्वलोक कल्याणार्थ एवं उसके प्रयासों को सुनिश्चित की जायेगी। इसमें कोई भी ऐसा कार्य सम्मिलित नहीं होगा जिससे किसी प्रकार का व्यक्तिगत लाभ अर्जित करना अभिप्रित हो। संस्था के मुख्य उद्देश्य मानव अधिकार, स्वास्थ, कृषि एवं शिक्षा का प्रचार प्रसार देश-विदेश में करना एवं इसके लिए हर संभव प्रयास करना। मानव समाज को समृद्ध संगठित, स्वस्थ बनाने तथा अंखड भारत और ग्रामीण विकास हेतु क्षेत्र में परियोजनाओ के क्रियान्वयन और मूल्यांकन में राज्य सरकार/केन्द्र सरकार/निजी संस्थाओं एवं राष्ट्रीय/अन्तर्राष्ट्रीय संगठनो से सहयोग प्राप्त करना एवं कार्य करना। मिशन स्वर्ण भारत 2020 के उद्देश्यों की पूर्ति करने हेतु कार्यों परियोजनाओं को संचालित करना। जिसके अन्तर्गत निम्नलिखित कार्यों और उद्देश्यों की पूर्ति करना भी सम्मिलित है।
1- समाज में फैली कुरूतियों को दूर करने हेतु प्रवचन, सेमिनर व अन्य कार्यक्रम का आयोजन करना। 2- धर्म के प्रति फैली हुई भ्रातियों को दूर करना और शुद्ध धर्म का वैज्ञानिक आधार पर प्रचास, प्रसार करना। 3- विपश्यना विद्या का प्रचार प्रसार करना। 4- सेण्टर फार पब्लिक अवेयरनेस एण्ड इन्फामेशन की गतिविधियों को संचालित करना और इसके द्वारा समाज के लोगों को जागरूक करना। 5- मनुष्यों में करूणा, प्रेम और मैत्री का प्रसार करना। 6- कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिये बेटी बचाओ अभियान को आगे बढ़ाना इसके लिये सामाजिक जागरूकता हेतु साहित्य, पुस्तकें, वीडियो केसेट्स, सी0डी0, डी0वी0डी0 आदि का निर्माण एवं वितरण करना। इस हेतु प्रवचन, सेमिनार, अन्य कार्यक्रम आदि का आयोजन करवाना व उसमें सहयोग देना। 7- विधवा एवं तलाकशुदा महिलाओं की आर्थिक सहायता करना व उनके जीविको पार्जन के लिये लघु व कुटीर उद्योगों की स्थापना करना। महिलाओं की शिक्षा एवं अधिकार के प्रति जगरूक अभियान चलवाना। 8- ऐसे जरूरतमंद व्यक्तियों जो अक्षम है, विकलांग हैं मानसिक व शारीरिक रूप से कमजोर है व निर्धन वर्ग के हैं उनके उत्थान व जीविकोपार्जन के लिये आर्थिक सहायता करना एवं उनके जीविकापार्जन के लिये लघु व कुटीर उद्योगों की स्थापना रकना। 9- निर्धन छात्र छात्राओं शिक्षा प्राप्त करने के लिये छात्रवृत्ति देना व उनकी शिक्षा की व्यवस्था करना। 10- समाज के वृद्धजनों की सेवा के कार्य करना। 11- रोग पड़ितों को चिकित्सा सुविधा में मदद करना। 12- मुद्रण प्रकाशन वितरण एवं संचार के माध्यम से देशावासियों में जागृति लाना जिसमें मुख्य रूप से शिक्षा व स्वाथ्य (वैकल्पिक चिकित्सा) गरीबी उन्मूलन एवं असहायक की सहायता कार्य करवाना। 13- उपभोक्ता संरक्षण एवं उपभोक्ता हितों की रक्षार्थ कार्यक्रमों का संचालन उनके सन्दर्भ में कार्यक्रमों का आयोजन एवं प्रकाशन टी0वी0 सीरियल एवं इन्टरनेट समाचार बुलिटन, वेबसीरिज आदि का प्रसारण कराना। 14- भारतीय संस्कृति परिवेश में दरगाह, मजार, कब्रिस्थान, खानकाह, चिल्ले आदि की संरचित सुरक्षित व सौन्दर्यकरण करना। 15- सर्व समाज को दृष्टिगत रखते हुये सबका साथ, सबका विकास व सबका विश्वास के साथ सत्य अंहिसा स्थापित करना। 16- राष्ट्रीय प्रेमभाव सहित राष्ट्रीय सामग्री संसाधनों का उपयोग करने हेतु प्रेरित करना। 17- स्वस्थ्य शिक्षा, प्रशिक्षण स्वास्थ्य संवर्धन, चिकित्सा सेवा के क्षेत्र में नवीनतम तकनीकी का प्रयोग करना एवं समाज को लाभन्वित न्यास/संस्थाओं /संगठनों के माध्यम से आर्थिक सहायता उपलब्ध कराना। 18- राज्य/जिला/प्रखंड/पंचायत स्तर पर स्वास्थ्य केन्द्रो को खोलने तथा उसकी व्यवस्था को सुनुश्चित करना एवं बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य कार्यकत्र्ता को प्रशिक्षण प्रदान कराना ताकि राज्य/जिला/ प्रखंड/पंचायत स्तर पर स्वास्थ्य केन्द्र एवं परामर्श केन्द्र के संगठन और प्रबधंन के माध्यम से स्वास्थ्य के क्षेत्र मे मानव शक्ति का सर्वांगीण एवं बौद्धिक तथा समृद्धि का विकास हो सके। 19- राज्य/जिला एवं देश स्तर पर मेडिकल कालेज, डेन्टल काॅलेज पैरा मेडिकल, एलायड मेडिकल प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना स्वयं करना और स्थापना में संस्थाओं से सहयोग प्राप्त कर आर्थिक एवं तकनीकि सहायता उपलब्ध करना एवं विकास हेतु अन्वेषण एवं शोघ कार्य करना। 20- ग्रामवासियों को रोग मुक्त जीवन यापन के लिए प्रोत्साहित करना और स्वास्थ्य जागरूता शिविर एवं अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रमों को आयोजित करना एवं स्वस्थ समाज की स्थापना करना। 21- आयुर्वेद, होमियोपैथी, एलोपैथ, योग, ध्यान और यूनानी चिकित्सा पद्धति के क्षेत्र में कार्यरत संस्थाओं विद्यालयों/महाविद्यालयों/ ट्रस्ट/समिति आदि से सम्बद्धता प्राप्त करना और इसके द्वारा मानव विकास हेतु कार्यक्रम सुनिश्चित एवं क्रियांवित करना तथा प्रशिक्षण कार्य कराना। 22- विश्व स्वास्थ्य संगठन, एसियन डेवलपमेंट बैंक, विश्व बैंक, निजी सार्वजनिक एवं अन्य संगठनों के कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में सहयोग प्रदान करना। 23- जन संख्या नियंत्रण, मलेरिया नियंत्रण, पोलियो, एड्स, कुष्ठ एवं टी0बी0 उन्मूलन में सरकार/संस्थाओं को कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में सहयोग प्रदान करना। 24- जड़ी बूटी वनोषधि आदि औषधि तैयार करना एवं कराना, उसके निर्माण के लिए प्रशिक्षण देना, पेटेन्ट कराना, संग्रहन करना, पैकेजिंग करना एवं कराना और विपणन की व्यवस्था करना एवं देश-विदेश में निर्यात करना। 25- कुपोषण महामारी से आम जनता को राहत पहुँचाना, विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्य कार्यक्रमों के माध्यम से चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराना। 26- जकात, फितरा जमा करके उसके योग्य व्यक्तियों पर खर्च करना। 27- शिक्षा विकास पर सेमिनार/कार्यशाला/सभा आयोजित करना। कार्यवाही के अनुरूप शिक्षा अनिवार्य रूप से लागू करवाना। 28- प्रत्येक गांव पंचायत, प्रखंड, जिला स्तर, राज्य स्तर एवं राष्ट्र स्तर पर बौद्धिक विकास केन्द्र की स्थापना स्वयं करने की योजनाओं को निश्चित करवाना। 29- शिक्षण-प्रशिक्षण कार्यक्रम के अन्तर्गत शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना करना और शिक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान करना एवं उनके नियोजन के लिए अवसर सृजन करना, नियोजन करना। 30- पर्यावरण शिक्षा कार्यक्रम को जन-जन तक पहुँचाना एवं महत्वपूर्ण योगदान देना पर्यावरण प्रशिक्षण केन्द्र पर्यावरण विकास एवं अनुसंधान केन्द्र की स्थापना हेतु शिक्षण केन्द्र को प्रोत्साहित करना। 31- मानव संसाधन विकास एवं संबर्द्धन हेतु मानव शक्ति विकास प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना एवं संचालन करना, सूचना एवं प्रोद्योगिकी विज्ञान और प्रोद्योगिकी के क्षेत्र मंे शिक्षण संस्थान की स्थापना स्वयं करना और इसे कार्यान्वित करना। 32- शैक्षणिक संस्थानों तकनीकी और प्रबंधन संस्थानों विश्वविद्यालयों/ परिषद से मान्यता एवं संबद्धता प्राप्त करना और प्रशिक्षण/शिक्षण आरंभ करना एवं अन्य संस्थाओं को स्थापना में सहयोग करना और प्रमाण-पत्र/ डिप्लोमा/डिग्री प्रदान कराना। 33- शिक्षा के लिए आवश्यकता के अनुरूप अन्वेषित एवं प्रयोगात्मक पुस्तिका एवं पत्रिका का मुद्रण एवं प्रकाशन करना तथा शिक्षा प्रचार-प्रसार हेतु टेली फिल्म/वृत चित्र का निर्माण कार्य करना। 34- राष्ट्रीय महत्व के पुरातन धरोहर के संरक्षण में लोगों को शिक्षित करना एवं उनके जिर्णोद्धार का कार्य करना, संचालित करना और ऐतिहासिक महत्व के भवनों को जिर्णोद्धार करना एवं राष्ट्रीय/ अन्तराष्ट्रीय पर्यटको को आकर्षित करने हेतु, रमणीक पर्यटन स्थल विकसित करने हेतु होटल रेस्टोरेन्ट रिर्सोट का निर्माण करना कृत्रिम जलाशय झील का निर्माण करना और नौका विहार को प्रोत्साहित करना एवं पर्यटन के क्षेत्र में और होटल प्रबंधन के क्षेत्र में शिक्षा कार्यक्रम संचाचित करना। 35- स्वतंत्र भारत के संविधान और नागरिकों के मौलिक अधिकार के संबंध में जानकारी प्रदान कराना और मानवीय मूल्यों के गरिमा की स्थापना सुरक्षा एवं संरक्षण हेतु कार्यक्रम सुनिश्चित एवं क्रियान्वित करना। 36- मानवाधिकार और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में शिक्षण कार्यक्रम संचालित करना और मानवाधिकार/सामाजिक अधिकार हनन की रोकथाम के लिए आवश्यक कार्यक्रम सुनिश्चित एवं क्रियान्वित करना। 37- उपेक्षित ग्रामीण क्षेत्रो में निःशुल्क विद्यालयों की स्थापना करना और आवश्यक कार्य हेतु योजनाओं को सुनिश्चित कराना। 38- कृषि के क्षेत्र में अन्वेषित/नवीन प्रोद्योगिकी/बायोटेक्नालाॅजी की स्थापना ग्रामीण क्षेत्र में कराना और किसानों को उन्नत कृषि में प्रशिक्षण प्रदान कर कृषि क्षेत्र में शिक्षित एवं समृद्ध बनाना। 39- जल छलन, अति सूक्ष्म जल छालन एवं भूमि संरक्षण, बंजर भूमि विकास कृषि और वृक्षारोपन कार्यक्रम के क्रियान्वयन करना। 40- प्राकृतिक श्रोत जैसे झील, नदी, बांध तालाब के जीर्णोद्धार का कार्य करना और जल संकट से बचने हेतु जल स्तर को ऊँचा उठाने के लिए अन्वेषण, शोध एवं प्रयोगात्मक कार्यक्रम क्रियान्वित करना। 41- हफतेवारी, पन्द्रहवारा, महाना तथा वार्षिक डाइजेस्ट तथा किताबों का पब्लिकेशन करना। 42- किसानोे को उन्नत कोटि का बीज एवं खाद उपलब्ध कराने की परियोजना सुनिश्चित करना, नवीन विकसित यंत्र उपलब्ध कराना औषधी पौध की खेती हेतु प्रशिक्षित करना, उत्पादित वस्तुओं के विपणन भंडारण और सुरक्षा हेतु बिक्री केन्द्र, शीतगृह और भंडार गृह की व्यवस्था एवं निर्माण कार्य करना एवं किसानों के फसल के लिए बीमा योजना आरंम्भ करवाना, संग्रह गृह का निर्माण करवाना। 43- किसानों के लिए ग्र्रामीण क्षेत्र में कार्य करने वाली स्वयंसेवी संगठनों के लिए बैंक में कार्य करने वाली स्वयंसेवी संगठनों और किसानों के विकास के कार्य करना और उनके हितों के लिए कल्याण कार्यक्रम संचालित करना व वृद्ध किसानों के लिए वृद्धाश्रम का निर्माण एवं संचालन करना और कृषकों के स्वास्थ्य संवर्द्धन हेतु आकस्मिक चलंत चिकित्सा केन्द्र की स्थापना करना। 44- कृषि एवं बागवानी विकास पर सेमिनार/कार्यशाला गोष्ठी/बैठक का आयोजन करना और अनुभव का आदान-प्रदान, पंचायत स्तर/प्रखंड स्तर/ जिला स्तर/ राज्य स्तर पर कृषि विकास केन्द्र की स्थापना करना, शोध एवं अनुसंधान कार्य कराना। 45- कृषको के विकास हेतु देश के सभी क्षेत्रों में कृषक पंचायत के माध्यम से सरकारी सुविधा उपलब्ध करने हेतु कार्यक्रम का क्रियान्वयन करना, कृषकों को जैविक खेती हेतु प्रोत्साहित करना, प्रशिक्षित करना और उनके द्वारा उत्पादित वस्तुओं का संग्रहण करना, विपणन करना एवं कृषकों का स्वास्थ्य बीमा आदि की व्यवस्था करना। 46- सौर उर्जा के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र को सौर उर्जा गा्रम के रूप में विकसित करना, सोलर पार्क विकसित करना। 47- पंचायतों के सशक्तिकरण हेतु कार्यक्रम सुनिश्चित करना एवं निर्वाचन जन प्रतिनिधियों को ग्रामीण विकास के क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्रदान करना और परियोजना निर्माण में तकनीकी सहायता उपलब्ध कराना और जन प्रतिनिधियों से ग्रामीण विकास कार्यक्रम संचालित करना। 48- देश में विशेषकर उ0प्र0, उत्तरांचल, बिहार, झारखंड एवं अन्य राज्यों की सामाजिक समस्या का अध्ययन एवं निराकरण का उपाय ढूंढना तथा राज्यों में दलितों एवं कमजोर वर्गो पर हो रहे अत्याचार को रोकने के उपाय करना। 49- लिंग, जाति या धर्म के मामले में भेद-भाव को दूर करने का प्रयास करना। लोगों में मानवीय गुणों को विकसित करने की स्वतंत्रता का बढावा देना। अन्याय से छुटकारा और कानूनी सुविधा प्रदान कराना एवं इस दिशा पर कार्य करना। 50- आर्थिक, सामाजिक तथा सांस्कृतिक अधिकार की प्राप्ति हेतु कारगर प्रयास करना। भूमि सुधार की समस्या और निदान के उपाय को सुनिश्चित एवं क्रियांवित करना। स्वरोजगार के नये क्षेत्रों का सृजन करते हुए गरीबी को खत्म करने की दिशा में कार्य करना। 51- देश और उ0प्र0, उत्तरांचल, बिहार, झारखंड एवं अन्य राज्यों में कानून एवं न्याय, व्यवस्थाा के उपाय ढूँढना एवं इसे क्रियांवित करने का प्रयास करना। 52- बेरोजगारी और गरीबी के कारण बढ़ती जा रही निराशा, अपराध एवं स्वार्थपरता मिटाने के उपाय करना तथा गरीबी और अमीरो तथा किसानों और गैर-किसानों के बीच जीवन दशा में अंतर की खाई को दूर करने के उपाय करना एवं निराकरण करना। 53- शिक्षा-प्राथमिक, माध्यमिक, महाविद्यालय, विश्वविद्यालय की स्थिति एवं उसके कठिनाईयों के लिए संभावित कार्यक्रम एवं योजनाएँ बनाए जाने पर बल देना। 54- अर्थव्यवस्था के उदारीकरण के कारण खोई आत्मनिर्भरता लौटाने के उपाय सोचना। 55- महिलाओं, बच्चे, अल्पसंख्यकों, पिछड़े वर्गो एवं दलित पर हो रहे अत्याचार से उत्पन्न स्थिति का विश्लेषण कर निदान ढूँढना, स्वच्छ एवं संतुलित समाज के निर्माण में योगदान देना तथा उनके सर्वांगीण विकास, समाजिक, आर्थिक उत्थान हेतु विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का संचालन करना एवं मातृत्व तथा बच्चे को समाजिक सुरक्षा का अधिकार दिलाना। 56- तिलक, दहेज जैसी सामाजिक समास्याओं को समाजिक स्तर पर ही निबटाने का वातावरण तैयार करना महिला और कमजोर महिला को जुल्म से छुटकारा दिलाना। स्वयंसेवी जत्था सृजित करना, दहेज प्रथा के विरूद्ध प्रचार अभियान चलाना एव दहेज विरोधी कानून के कार्यान्वयन के लिए प्रभावकारी जन-सहयोग एवं प्रशासनतंत्र के गठन के लिए अभियान चलाना। 57- निम्न मध्यवर्गीय लोगों की समस्या का विशेष रूप से संकलन एवं निराकरण के उपाय का विश्लेषण करना एवं शिक्षित बेरोजगारी की समस्या और स्वरूप का अध्ययन एवं निदान का उपाय निकालना। 58- कृषि मजूदर, औद्योगिक मजदूर, ईंट भट्टा काटनेवाला, पत्थर तोड़ने वाला, बीड़ी, दर्जी दुकानदार, मछुआरा एवं अन्य असंगठित मजदूरो की समस्याओं का अध्ययन एवं इन सभी वर्गों के मजदूर को न्याय एवं उत्थान के लिए प्रयास करना। 59- युवकों एवं छात्रों की समस्या, छात्रों के लिए विशेष सुविधा उपलब्ध कराने सम्बन्धी प्रयत्न के अतिरिक्त समाज के पिछड़े वर्गों आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग दलित वर्ग, आदिवासी एवं अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों की उच्च शिक्षा में व्यापक प्रवेश के लिए प्रयास करना। 60- अन्य पिछड़े वर्गों में मध्यवर्ती पिछड़ा वर्ग के बीच वर्गीकरण सुनिश्चित कराना और उच्चतम न्यायालय के निर्णयानुसार केन्द्रीय सेवा में आरक्षण सुनिश्चित कराके अत्यन्त पिछड़े वर्गों के स्तर को ऊँचा उठाने का प्रयास करना। 61- न्यास के उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए विभिन्न विषयों के शोध, शिक्षण एंव प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना करना कराना। 62- कमजोर वर्ग के लोगों के लिए कानूनी सहायता उपलब्ध कराना एवं समाज की विभिन्न समस्याओं से सम्बन्धित तथ्यों और आकड़ों का संकलन करना और सामाजिक घटना के सम्बन्ध में तथ्यपूर्ण जानकारी से सदस्यों एवं समाज को अवगत कराना। 63- न्यास द्वारा केन्द्र और राज्य सरकार की आर्थिक और सामाजिक नीतियों का अध्ययन विशेषज्ञों द्वारा करवा कर उन पर विशेषज्ञों की टिप्पणी आमंत्रित करना और उन विषयों पर प्रखण्ड जिला एवं राज्य स्तर पर गोष्ठियाँ अयोजित करना। 64- देश और उत्तर प्रदेश, उत्तरांचल बिहार, झारखण्ड एवं अन्य राज्यो के जेलो मे बंद पड़े विचाराधीन कैदियों को जेल मैनुअल के अन्तर्गत उचित न्याय दिलाने का प्रयास करना तथा ऐसे बंदी को जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं, उन्हें कानूनी सहायता पहुँचाना। 65- महिला कैदियों की दयनीय हालत में सुधार लाना और उनको उचित न्याय दिलाने के संबन्ध में एक राष्ट्रीय नीति बनाने की आवश्यकता पर बल देना तथा विभिन्न जेलों मे बंद महिलाओ को चिन्ताजनक स्थिति से मुक्ति दिलाना, शिवरों की तरह ही नारी बंदीगृह अदालत बनाए जाने पर बल देना हिरासत में रहने वाली महिलाओं को शीघ्र न्याय दिलाने के लिए चलंत न्यायिक हिरासत में रहने वाली महिलाओं को विशष आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए भारतीय दंड सहिता, कारावास अधिनियम और पुलिस अधिनियम में संशोधन की आवाज उठाना। 66- न्यायहीन कैदियों व व्यक्तियों असुविधाहीन कैदियों व उसके परिवार को विशेष अधिकार दिलाने का कार्य करना, चिकित्सा की व्यवस्था करना एवं न्यायालय से न्याय कराने हेतु अपील करना। 67- वधिरों एवं विकलांगों को संगठित कर उन पर हो रहे अनदेखी को ध्यान में रखकर उनके उत्थान के लिए कारगर कदम उठाना। 68- बच्चों को अच्छे शिक्षण प्रणाली एवं उस पर आये दिन हो रहे जुल्म के लिए आवाज उठाना एवं उनके लिए कारगर कदम उठाना। बाल मजदूरी को खत्म करने का प्रयास करना। 69- ट्रस्ट की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए ट्रस्ट के पक्ष में अथवा ट्रस्ट द्वारा सम्पत्ति का अन्तरण संस्थापक/अध्यक्ष द्वारा करना। 70- शिक्षा को जन-जन तक पहुँचाने हेतु स्कूल, कालेज महाविद्यालय, पुस्तकालय, छात्रावास, मस्जिद, मदरसा, मकतब, हास्पिटल, मेडिकल कालेज, इंजीनियरिंग कालेज, दारूलयतामा का कयाम और यतीम और गरीब बच्चों और बच्चियों को उच्च शिक्षा प्रदान कराना व रोजगार परक योजनाएं चलाना देना व उनकी शादी में मदद करना व देश के कमजोर व बेगुनाह कैदियों की आजादी हेतु अदालती पैरवी करना व उनके लिए योग्य अधिवक्ताओं का पैरवी के लिए चयन करना व अन्य संस्कृतिक कार्यक्रम, दीनी व सामाजिक जलसा का आयोजन को आयोजित करना तथा इस प्रकार की गतिविधियों को प्रोत्साहित करना तथा इन उद्देशयों की पूर्ति हेतु कोष की स्थापना करना, दान लेना व अनुदान प्राप्त करना। 71- छात्रों को शैक्षिक गतिविधियों में भाग लेने के लिए छात्रवृत्ति मानदेय पुरूस्कार आदि का प्रबन्ध करना व स्कूल कालेज व संस्थान में प्रशिक्षण, शोध व सेमीनार आदि आयोजित करना व विदेश में शिक्षा प्राप्ति हेतु सहयोग प्रदान करना तथा इन उद्देशयों की पूर्ति हेतु कोष की स्थापना करना, दान लेना व अनुदान प्राप्त करना। 72- शिक्षा के क्षेत्र में की जाने वाली गतिविधियों के लिए राज्य व केन्द्र सरकार से अनुदान प्राप्त करना तथा दानशील व्यक्तियों की संस्थाओं व संस्थानों से वित्तीय सहायता लेना। 73- भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का संवर्धन करना। पर्यावरण सम्बन्धी समस्त प्रकार के कार्य करना व सरकारी योजनाओं के क्रियाकलापों में सहयोग करना। 74- गरीबों को जाड़े के दिनों में वस्त्र आदि वितरण करना। 75- सांस्कृतिक कार्यक्रमों द्वारा जनमानस को पारम्परिक कला से परिचय कराना। 76- गरीबों को भोजन कराना, भण्डारा करना तथा गर्मियों मे पौशला आदि की व्यवस्था करना। 77- यह कि उपरोक्त प्रकार के कार्य को सम्पादन करने वाली संस्थाओं से सहयोग लेना। 78- अन्य कोई कार्य जो समाज व राष्ट्रहित में हों। 79- यह कि उपरोक्त ट्रस्ट द्वारा दीनी व सामाजिक अखबार, मैग्जीन, साप्ताहिक, माहवारी, वार्षिक का प्रकाशन कराना व वितरण करना। प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक्स के प्रचार प्रसार एवं मीडिया के शैक्षणिक केन्द्रों की स्थापना कार्य भी करेगा। 80- यह कि उपरोक्त ट्रस्ट द्वारा लावारिस लाशों के कफन व दफन का इन्तेजाम करना। 81- यह कि उपरोक्त ट्रस्ट द्वारा सुन्नी वक्फ सम्पत्तियों को नाजायज कब्जों से छुड़ाना व उन सम्पत्तियों का कौमी इस्तेमाल के लिए प्रयास करना। 82- यह कि उपरोक्त ट्रस्ट द्वारा मुस्लिम कब्रिस्तान की देख रेख व हिफाजत का प्रयास करना। 83- यह कि पशुपालन जैसे बकरी, भैंस, गाय, तथा इमू पक्षियों को पालना तथा विकास सम्बन्धित कार्य करना तथा पशु-पक्षियों पर हो रहे अत्याचारों को रोकना। 84- यह कि ट्रस्ट भवन निर्माण, बिल्डर्स, टाउन प्लानर, रियल स्टेट डेवलपर्स आदि का कार्य एवं सरकारी एवं प्राइवेट सिविल कान्ट्रेक्टर आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई आदि संचालित कर धर्नाजन करते हुये चेरटी योग्य निःस्वार्थ भाग से ग्रामीण विकास, बेरोजगारी उन्मूलन एंव स्वच्छता आदि का कार्य करेगा साथ-साथ इन्टीरियर डेकोरेटर एवं फैशन डिजाइन के क्षेत्र में भी अपना योगदान सुनिश्चित करेगी। 85- यह कि जल संचय एवं पर्यावरण से सम्बन्धित सरकारी एवं अर्द्ध सरकारी प्राईवेट कार्यों का समस्त प्रकार से विधि अनुसार संचालन करना। पेजल जागरण शिविर स्वजल धारा, जलनिधि के कार्यक्रमों का आयोजन, रेन वाटर हारवेस्टिंग, वाटर शेड डेवलमेन्ट, हैण्ड पम्पों की अवस्थापना तथा प्राकृतिक जल का संचय करना। 86- अनुसूचित जाति/जनजाति, पिछड़े वर्ग एवं आदिवासियों के सर्वांगीण विकास के लिये भारत के विभिन्न मंत्रालयों से संचालित कार्यक्रमों का संचालन करना, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार आ सके। 87- असहाय वृद्धों के कल्याणार्थ डे-केयर सेन्टर, ओलड ऐज होम, विकलांगो के लिए व्यवसायिक प्रशिक्षण तथा पुर्नवास कार्यक्रम, स्वाधारा योजना के अन्तर्गत परित्यक्त महिलाओं को पुनर्वासित कर समाज की मुख्यधारा में जोड़ना तथा अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़े वर्ग, अल्पसंख्यक वर्ग, आदिवासियों के लिए तथा शैक्षिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए तकनीकी शिक्षा, व्यवसायिक शिक्षा, झुग्गी झोपड़ी तथा फुटपाथों पर जीवन यापन करने वाले बच्चों लिए शिक्षा, प्रशिक्षण कार्यक्रम, परिवार परामर्श केन्द्र एवं बाल श्रमिकों के लिए विद्यालय तथा व्यवसायिक प्रशिक्षण केन्द्र, परामर्श केन्द्र, गोष्ठी, सेमिनार का आयोजन करना। 88- ट्रस्ट (न्यास) के कार्यक्षेत्र में केन्द्रीय, राज्य स्तरीय एवं विदेशी संस्थाओं द्वारा संचालित योजनाओं एवं व्यवसायिक प्रशिक्षणों का संचालन करना। कपार्ट, नाबार्ड, सूडा, डूडा, सिफ्सा, नेहरू रोजगार योजना, जवाहर रोजगार योजना, डी0आ0डी0 तथा अन्य सम्बन्धित विभागों से समन्वय स्थापित कर अनुदान/ऋण प्राप्त कर जन कल्याणकारी योजनाओं का संचालन करना। 89- राष्ट्रीय हित एवं विकास हेतु जन सामान्य के लिए विभिन्न कार्यक्रमों (नरेगा, स्वास्थ्य मिशन, कृषि विकास, सूचना अधिनियम, खाद्य सुरक्षा) आदि के समुचित क्रियान्वयन, संचालन एंव हिताग्राही लोगों तक उक्त कार्यक्रमों का समुचित लाभ पहुंचाने के लिए विभिन्न प्रकार के फोरम, संगठन एवं समितियों का गठन कर उपरोक्त कार्यक्रमों को सवंर्धित किया जायेगा। 90- यह कि मदरसा यतीम खाना आदि बनाना तथा उसका संचालन करना। 91- यह कि उ0प्र0 सरकार से यतीमखाना, आश्रयहीन बेवा व बूढ़ी औरतों के रहने के लिये, अपाहिज महिलाओं के लिये भूमि व भवन आवंटन करना तथा सरकारी योजना में उपरोक्त व्यक्त्यिों व महिलाओं के लिये धनराशि का आवंटन करना। 92- यह कि पुस्तकालय व वाचनालय, व्ययामशाला व क्लब आदि का संचालन करना। 93- यह कि विधवाओं, निराश्रितों, विकलागों के सामाजिक विकास के अनुसार विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का संचालन करना। 94- यह कि नशा उन्मूलन सम्बन्धित योजनाओं को प्रसारित एवं प्रचारित करना तथा नशे में उत्पन्न बुराईयों के बारे में समाज में समस्त प्रकार के कार्यक्रम करवाना। 95- यह कि भारत सरकार की किसी भी प्रकार की योजनाओं से अनुदान प्राप्त करना तथा सरकारी, अर्द्ध सरकारी, प्राइवेट तथा अन्य योजनाओं का विधिनुसार संचालन करना।
राष्ट्रीय शाह समाज फाउंडेशन इंडिया-ट्रस्ट (नियमावली)
परिभाषाएँ-
न्यास का नाम -
राष्ट्रीय शाह समाज फाउंडेशन इंडिया-ट्रस्ट NATIONAL SHAH SAMAJ FOUNDATION INDIA TRUST
न्यास का प्रधान ट्रस्टी -
संस्थापक अध्यक्ष/न्यास मुख्य कार्यकारी पदाधिकारी होगा।
पदाधिकारी/न्यासट्रस्टी -
उपाध्यक्ष, महासचिव, कोषाध्यक्ष एवं न्यास के ट्रस्टी न्यास के पदाधिकारी होगें।
प्रबंध समिति -
भविष्य में प्रबन्ध समिति में कुल सात सदस्य होगे जिनमें जिनमें संस्थापक/अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव, कोषाध्यक्ष तथा तीन अन्य सदस्य होगें इनकी अध्यक्षता संस्थापक/ अध्यक्ष न्यास करेगंे एवं संस्थापक/ अध्यक्ष की अनुपस्थिति पर इसकी अध्यक्षता उपाध्यक्ष न्यास करेगें।
वित्तीय वर्ष -
1 अप्रैल से 31 मार्च तक।
एक्ट -
ट्रस्ट एक्ट 1882 संशोधित एक्ट के अन्तर्गत।