मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संरक्षक और मार्गदर्शक, आरएसएस के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार जी के बताए रास्ते पर शाह मलंग प्रकोष्ठ ने पूरे देश में तीन दिवसीय राष्ट्रीय स्तर पर घर-घर हर जगह तिरंगा अभियान चलाकर 13 से 15 अगस्त तक तिरंगा फहराना और राष्ट्रगान का भी आयोजन किया था। शाह मलंग प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय संयोजक ताहिर शाह ने बताया कि हिंदुस्तान में दरगाह, खानकाह, मज़ार, चिल्ला , तकियों के बीच एक अभियान चला जिसमें देश में बढ़ती नफ़रतों और कट्टरपंथी सोच को जड़ से खत्म करने के लिए हर घर तिरंगा हर जगह तिरंगा फहराने का आह्वान किया गया था। इस अभियान के दौरान स्वच्छता के लिए भी लोगों को जागरूक किया गया। राष्ट्रीय संयोजिका चांदनी शाह बानो मुस्लिम राष्ट्रीय मंच शाह मलंग प्रकोष्ठ एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय शाह समाज फाउंडेशन इंडिया ने मुस्लिम युवाओं से अपील की है कि उन्हें आतंकवाद के रास्ते पर नहीं, बल्कि पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के रास्ते पर चलना है। अभियान का अंतिम रूप आज 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर पूरे देश में निर्धारित समय पर तिरंगा फहराया गया, राष्ट्रगान भी हुआ और आजादी की लड़ाई के अमर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गयी । ऐसा पहली बार हुआ जब पसमांदा समुदाय में सबसे बड़ी संख्या में फ़कीर समाज आगे आकर ऐसे राष्ट्रीय अभियान को चलाकर देश को पुनः गंगा-जमुनी तहजीब की याद दिलाते हुए देखा गया। शाह बानो ने अपने गुरु इंद्रेश कुमार जी के संदेश को दोहराते हुए कहा कि, भारत के 99.9 प्रतिशत मुस्लिम विदेशों से नहीं आए, बल्कि हमारे पूर्वज थे। राम जब जैन धर्म आया, तो रामलाल बन गए, बौद्ध धर्म आया तो रामदास बन गए, सिख धर्म आया, तो रामसिंह बन गए, जब इस्लाम आया, तो रहीमुद्दीन बन गए और ईसाई धर्म आया तो रमेस्टर बन गए। रामसिंह तक कोई दिक्कत नहीं थी, लेकिन जब रहीमुद्दीन बने, तो भारत माता की जय बोलने में दिक्कत आ गई। हमारे पूर्वज एक थे, इसके प्रमाण कई परंपरा और रिवाज हैं, जो विदेशी मुसलमानों में नहीं हैं।
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